Monday, August 27, 2018

अब किस देश में तेज़ी से पांव पसार रहा है इस्लामिक स्टेट

इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने पिछले साल के अंत में सीरिया और इराक पर नियंत्रण खोने के बाद हाल के दिनों में सोमालिया में हमले बढ़ा दिए हैं.
25 जुलाई को आईएस ने दक्षिण सोमालिया के लोअर शाबेल इलाके में 14 लोगों को मारने या घायल करने का दावा किया.
बीबीसी मॉनिटरिंग ने जनवरी से जुलाई 2018 तक सोमालिया में आईएस के हमलों से जुड़े आंकड़े इकट्ठा किए जो इस देश में आईएस की गतिविधियों के बारे में अहम ट्रेंड को बताता है.
आईएस का दावा है कि ख़ुफ़िया और सुरक्षाकर्मियों पर अधिकांश हमले उसने सुनियोजित तरीके से किए हैं. कुछ हमले जो दिन के समय किए गए उन्हें फिल्माया भी गया है.
शुरू में इस समूह ने अधिकांश हमले दक्षिण-पश्चिमी शहर अफगोये में करने का दावा किया. लेकिन हाल में अधिकांश हमले राजधानी मोगादिशु के आसपास के शहरों में करने का दावा किया है.
इस रिपोर्ट में दिया गया डेटा मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम से लिया गया है जहां आईएस अपना आधिकारिक बयान जारी करता है.
इस डेटा के मुताबिक आईएस ने इस साल पहली जनवरी से 31 जुलाई तक सोमालिया में 39 हमले किये हैं.
इनमें से 27 हमले केवल तीन महीने मई, जून और जुलाई में किए. साल 2017 में आईएस ने पूरे साल के दौरान सोमालिया में 21 हमले करने के दावे किए थे. इसका मतलब है कि सोमालिया में आईएस के हमलों में वृद्धि हुई है.
आईएस ने अधिकतर घात लगाकर या गोली मारकर हत्याएं की लेकिन कुछ में इम्प्रूवाइज़्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस यानी आईईडी का इस्तेमाल भी किया गया.
आईएस के निशाने पर ख़ुफ़िया अधिकारी, सोमाली पुलिस और सैन्यकर्मी रहे हैं.
सोमालिया में आईएस की गतिविधियां बढ़ने के बावजूद इनके हमले अपेक्षाकृत छोटे रहे हैं.
सोमालिया में आईएस का प्रतिद्वंद्वी संगठन अल-शबाब सेना, सरकार और अफ़्रीकी सेनाओं पर अक्सर बड़े और घातक हमले करता है.
वास्तव में आज अल-शबाब की मौजूदगी सोमालिया में आईएस के विस्तार में बाधक है.
सोमालिया में आईएस चरमपंथी देश के उत्तर पूर्व में उभरने के बाद दक्षिणी हिस्से तक पहुंच गए हैं.
साथ ही राजधानी मोगादिशु के आसपास भी उनके हमलों में वृद्धि हुई है.
इस साल जिन 39 हमलों का वो दावा करते हैं, उनमें से 23 मोगादिशु में ही किए गए हैं. इनमें से कई हमले यहां के बकारा बाज़ार इलाके के आसपास किए गए जो सोमालिया के मध्य में है और यहां के सबसे व्यस्त व्यवसायिक केंद्रों में से एक माना जाता है.
मोगादिशु में आईएस के हमलों में उल्लेखनीय वृद्धि मई 2018 के महीने में देखी गई है.
इस दौरान आईएस ने अफगोये में नौ हमले जबकि सोमालिया के पूर्वोत्तर में बोसासो में तीन हमले करने का दावा किया.
मोगादिशु अफगोये से बहुत दूर नहीं है. दोनों ही शहर दक्षिण सोमालिया में स्थित हैं. दोनों के बीच दूरी महज 30 किलोमीटर की है.
रिपोर्टों के मुताबिक आईएस चरमपंथियों के हमले उत्तर पूर्वी सोमालिया के पंटलैंड से दक्षिणी हिस्से में किए गए थे.
जनवरी से जुलाई के बीच सोमालिया में आईएस के हमलों की जानकारी इस समूह की स्वघोषित 'न्यूज़ एजेंसी' अमाक़ ने दी.
अमाक़ की रिपोर्ट, भाषाई स्तर पर आईएस के बयानों से मेल नहीं खाती. अमाक़ ने कुछ हद तक मुख्यधारा की मीडिया शैली की नकल की है. आईएस के खास सिद्धांतों जैसे कि धार्मिक संदर्भ, जीत की गाथा, विरोधी समूहों के लिए अपमानजनक शब्द उनकी रिपोर्ट्स में नहीं होते.
अमाक़ की अधिकतर रिपोर्ट में हमले या उसके बाद की तस्वीरें या वीडियो होते हैं.
इनमें से कई में ये लगता है कि इनकी शूटिंग बहुत पास से की गई है. इन्हें अक्सर दिन के उजाले और खुले सार्वजनिक इलाकों में लोगों के साथ फ़िल्माया गया है.
इसी साल 19 जुलाई को अमाक़ के एक वीडियो में सिनाए जंक्शन इलाके में एक आदमी सोमालियाई ख़ुफ़िया विभाग के एक अधिकारी को बेहद नज़दीक से गोली मारता दिख रहा है. सड़क किनारे बैठे व्यापारियों को देखकर ये इलाका घनी आबादी वाला मालूम पड़ता है.
29 जून का एक और वीडियो है जिसमें दोपहर के वक्त सादे कपड़े पहने एक आदमी बहुत नज़दीक से दो लोगों को गोली मारता है. इस हमले को लेकर आईएस ने दावा किया कि उसने मोगादिशु के बाज़ार में सोमालियाई सरकार के दो वित्तीय अधिकारियों को मार गिराया है.
7 मई के वीडियो में सादे कपड़े में एक आदमी माइक्रोबस में एक व्यक्ति को मारता हुआ दिख रहा है. मारे गए व्यक्ति को सोमालिया के ख़ुफ़िया विभाग से जुड़ा बताया गया.
अधिकतर हमले या तो पीछे से फ़िल्माए गए या कुछ दूरी से.
अमाक़ के वीडियो छोटे और बिना एडिट किए होते थे. आईएस ने अब तक सोमालिया को समर्पित एक ही प्रौपेगैंडा वीडियो बनाया. दिसंबर 2017 के इस वीडियो में क्रिसमस और नए साल के दौरान 'वेस्टर्न टारगेट' के ख़िलाफ़ हमले के लिए उकसाया गया है.
आईएस के हमलों की जानकारी सोमालिया में आईएस के क्षेत्रीय मीडिया दफ़्तर के बजाय अमाक़ के जरिए ही आ रही हैं.
अपने क्षेत्रीय मीडिया दफ़्तर से यह समूह खास तरह के बयान जारी करता है. हमले की स्थिति में इसे महत्वपूर्ण माना जा सकता है.
अमाक़ की रिपोर्ट में 'विलायाह' (इलाका) का इस्तेमाल नहीं किया जाता जबकि क्षेत्रीय बयान में इसका इस्तेमाल होता है.
आईएस साल 2015 के आखिर से सोमालिया में अपनी उपस्थिति का दावा करता रहा है. इसमें शामिल अधिकतर लोग प्रतिद्वंद्वी अल-शबाब से लाए गए हैं.
वैसे 'सोमालिया का विलायाह' मुहावरे का आईएस की इक्का दुक्का मीडिया रिपोर्ट में ज़िक्र किया गया है. हालांकि इसका इस्तेमाल संयोगवश दिखता है ना कि औपचारिक तौर पर.
'सोमालिया का विलायाह' का ज़िक्र इसी समूह के अरबी के एक साप्ताहिक समाचारपत्र में जुलाई 2018 में मिलता है जबकि दूसरी बार सोमालिया का संदर्भ विलायाह के बगैर भी दिया गया.
साल 2015 के बाद आईएस ने अपने क्षेत्रीय संगठन के संदर्भ में विलायाह शब्द का ज़िक्र करने में सावधानी बरतनी शुरू कर दी.
अलग-अलग रिपोर्ट से ये संकेत मिलते हैं कि सोमालिया में आईएस के कई वफादार अल-शबाब के सदस्य थे.
अल-शबाब छोड़ने वालों ने बाद में महाद मोअलिम को मुमिन का डिप्टी कमांडर चुन लिया.
हालांकि अल-शबाब के प्रभाव को देखते हुए यह कहना मुश्किल नहीं है कि मुमिन को लड़ाके भर्ती करने और सोमालिया में अपनी मज़बूत उपस्थिति बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
कुछ वैसा ही जैसा उसे यमन जैसे अन्य देशों में करना पड़ा था, जहां पहले से मौजूद अल-कायदा की उपस्थिति की वजह से ये समूह घुसपैठ करने में नाकाम रहा था.
मुमिन आखिरी बार आईएस के प्रचार में अप्रैल 2016 में एक वीडियो में देखे गए थे, जिसमें सोमालिया में इस समूह के पहले प्रशिक्षण शिविर को दिखाया गया था. अगस्त 2016 में उन्हें अमरीका की जारी आतंकियों की सूची में शामिल किया गया.
अमरीकी सरकार का मानना है कि सोमालिया के आईएस लड़ाके यमन से हथियार लेते हैं.
इस साल सोमालिया में आईएस की बढ़ती गतिविधियों के बावजूद इसका यहां अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी अल-शबाब से कम प्रभाव है.
जुलाई 2018 में अपने साप्ताहिक समाचारपत्र अल-नाबा के एक लेख में समूह ने लिखा कि कैसे सोमालिया में आईएस समर्थकों को मार डाला गया या 'यहूदी जिहादियों' ने अगवा कर लिया. आईएस की ओर से इस लफ़्ज़ का इस्तेमाल अल-क़ायदा के लिए किया जाता था.
अल-शबाब ने देश में आईएस चरमपंथियों का खुलेआम सफ़ाया किया है, यहां तक कि अपने उन सदस्यों का भी जो आईएस में शामिल होना चाहते थे या उनके प्रति झुकाव रखते थे.

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