Thursday, August 30, 2018

इस राज्य में सर्पदंश से खौफ में सरकार, करा रही है 'सर्प यज्ञ'

उत्तर हो या दक्षिण, देश के तमाम हिस्सों में बाढ़ का कहर है. लेकिन आंध्र प्रदेश की नायडू सरकार बाढ़ के बाद निकल आए सांपों से काफी परेशान है. इसीलिए बड़े पैमाने पर 'सर्प यज्ञ' कराने का ऐलान किया गया है. (प्रतीकात्मक फोटो-  कृष्णा जिले में 144 लोग सर्प दंश के शिकार हुए हैं. सैलाब में आए विषैले सांप घरों में कहीं भी ठौर बना ले रहे हैं. जरा सी चूक पर लोगों को डस लेते हैं.)
आंध्र प्रदेश की नायडू सरकार विषधरों से इस कदर परेशान है कि अंधविश्वास की जद में चली गई है. हालांकि, सरकार अस्पतालों में A डोज के साथ होम्योपैथ की दवाएं भी मुहैया करा रही है. साथ ही सर्प दंश के शिकार लोगों के लिए 2000 रुपये आर्थिक सहयोग का भी एलान किया है. (प्रतीकात्मक फोटो- Getty Images)विजयवाड़ा से 70 किलोमीटर दूर मोपी देवी मंदिर में सर्प यज्ञ आयोजित किया गया है. राहु केतू दोष दूर करने की पहचान रखने वाले इस मंदिर में 15 पुजारी सरकारी 'सर्प दोष' यज्ञ कराएंगे. आंध्र प्रदेश में बारिश और बाढ़ के बाद सर्पदंश की घटनाओं में बेतहाशा इजाफा हुआ है. खासकर कृष्णा जिले में. अस्पताल में काफी संख्या में सर्पदंश के शिकार मरीज भर्ती हैं. (प्रतीकात्मक फोटो-  s)
अवनिगड्डा और गन्नवारम में तो दो लोगों की सर्पदंश से मौत भी हो चुकी है. लेकिन ज्यादातर लोगों को डॉक्टरों ने इलाज कर बचा लिया. हालत तो ये है कि एक दिन में एक डॉक्टर ने सर्प दंश के शिकार 22 लोगों का इलाज किया. (प्रतीकात्मक फोटो-  लीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन फिर से 'कौन बनेगा करोड़पति' के साथ घर-घर दस्तक देने जा रहे हैं. शो का 10वां सीजन शुरू होने वाला है. अमिताभ बच्चन का यह शो काफी लम्बा सफर तय कर चुका है और आज भी ये दर्शकों के बीच में लोकप्रिय है. अमिताभ बच्चन आज भी जिस तरह से प्रतियोगियों से सवाल पूछते हैं, वो दर्शकों को खूब भाता है. कौन बनेगा करोड़पति सीजन 10 के लिए अमिताभ बच्चन मीडिया से मुखातिब हुए थे. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के कई सारे सवालों के जवाब दिए. एक पत्रकार ने अमिताभ बच्चन से पूछा कि क्या आप शो में प्रतियोगी बनना चाहेंगे, तो उन्होंने इसपर कहा- ''अगर मैं शो में प्रतियोगी की तरह आऊंगा तो हार जाऊंगा. मैं 2-3 सवालों से ज्यादा के जवाब नहीं दे सकता.''
कुछ समय पहले सलमान खान ने 'कौन बनेगा करोड़पति' को होस्ट करने की इच्छा जताई थी, जिस पर उन्होंने कहा- ''अगर वो ऐसा करना चाहते हैं तो उनका बहुत-बहुत स्वागत है. मैं खुद उन्हें शो को होस्ट करने के लिए अमंत्रित करता हूं.''
अमिताभ बच्चन और सलमान खान दोनों ही मौजूदा दौर में फिल्म इंडस्ट्री को अपने-अपने अंदाज में लीड कर रहे हैं. दोनों साथ में बागवान, बाबुल और गॉड तुस्सी ग्रेट हो जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं.
अमिताभ बच्चन का कौन बनेगा करोड़पति सीजन 10, 3 सितंबर से टीवी पर प्रसारित होगा. इस शो के पिछले सीजनों ने अच्छा काम किया है. शो हर बार कुछ ना कुछ परिवर्तन के साथ आता है जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है. देखना है शो में इस बार किस किस्म के बदलाव किए जाएंगे.
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Monday, August 27, 2018

अब किस देश में तेज़ी से पांव पसार रहा है इस्लामिक स्टेट

इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने पिछले साल के अंत में सीरिया और इराक पर नियंत्रण खोने के बाद हाल के दिनों में सोमालिया में हमले बढ़ा दिए हैं.
25 जुलाई को आईएस ने दक्षिण सोमालिया के लोअर शाबेल इलाके में 14 लोगों को मारने या घायल करने का दावा किया.
बीबीसी मॉनिटरिंग ने जनवरी से जुलाई 2018 तक सोमालिया में आईएस के हमलों से जुड़े आंकड़े इकट्ठा किए जो इस देश में आईएस की गतिविधियों के बारे में अहम ट्रेंड को बताता है.
आईएस का दावा है कि ख़ुफ़िया और सुरक्षाकर्मियों पर अधिकांश हमले उसने सुनियोजित तरीके से किए हैं. कुछ हमले जो दिन के समय किए गए उन्हें फिल्माया भी गया है.
शुरू में इस समूह ने अधिकांश हमले दक्षिण-पश्चिमी शहर अफगोये में करने का दावा किया. लेकिन हाल में अधिकांश हमले राजधानी मोगादिशु के आसपास के शहरों में करने का दावा किया है.
इस रिपोर्ट में दिया गया डेटा मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम से लिया गया है जहां आईएस अपना आधिकारिक बयान जारी करता है.
इस डेटा के मुताबिक आईएस ने इस साल पहली जनवरी से 31 जुलाई तक सोमालिया में 39 हमले किये हैं.
इनमें से 27 हमले केवल तीन महीने मई, जून और जुलाई में किए. साल 2017 में आईएस ने पूरे साल के दौरान सोमालिया में 21 हमले करने के दावे किए थे. इसका मतलब है कि सोमालिया में आईएस के हमलों में वृद्धि हुई है.
आईएस ने अधिकतर घात लगाकर या गोली मारकर हत्याएं की लेकिन कुछ में इम्प्रूवाइज़्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस यानी आईईडी का इस्तेमाल भी किया गया.
आईएस के निशाने पर ख़ुफ़िया अधिकारी, सोमाली पुलिस और सैन्यकर्मी रहे हैं.
सोमालिया में आईएस की गतिविधियां बढ़ने के बावजूद इनके हमले अपेक्षाकृत छोटे रहे हैं.
सोमालिया में आईएस का प्रतिद्वंद्वी संगठन अल-शबाब सेना, सरकार और अफ़्रीकी सेनाओं पर अक्सर बड़े और घातक हमले करता है.
वास्तव में आज अल-शबाब की मौजूदगी सोमालिया में आईएस के विस्तार में बाधक है.
सोमालिया में आईएस चरमपंथी देश के उत्तर पूर्व में उभरने के बाद दक्षिणी हिस्से तक पहुंच गए हैं.
साथ ही राजधानी मोगादिशु के आसपास भी उनके हमलों में वृद्धि हुई है.
इस साल जिन 39 हमलों का वो दावा करते हैं, उनमें से 23 मोगादिशु में ही किए गए हैं. इनमें से कई हमले यहां के बकारा बाज़ार इलाके के आसपास किए गए जो सोमालिया के मध्य में है और यहां के सबसे व्यस्त व्यवसायिक केंद्रों में से एक माना जाता है.
मोगादिशु में आईएस के हमलों में उल्लेखनीय वृद्धि मई 2018 के महीने में देखी गई है.
इस दौरान आईएस ने अफगोये में नौ हमले जबकि सोमालिया के पूर्वोत्तर में बोसासो में तीन हमले करने का दावा किया.
मोगादिशु अफगोये से बहुत दूर नहीं है. दोनों ही शहर दक्षिण सोमालिया में स्थित हैं. दोनों के बीच दूरी महज 30 किलोमीटर की है.
रिपोर्टों के मुताबिक आईएस चरमपंथियों के हमले उत्तर पूर्वी सोमालिया के पंटलैंड से दक्षिणी हिस्से में किए गए थे.
जनवरी से जुलाई के बीच सोमालिया में आईएस के हमलों की जानकारी इस समूह की स्वघोषित 'न्यूज़ एजेंसी' अमाक़ ने दी.
अमाक़ की रिपोर्ट, भाषाई स्तर पर आईएस के बयानों से मेल नहीं खाती. अमाक़ ने कुछ हद तक मुख्यधारा की मीडिया शैली की नकल की है. आईएस के खास सिद्धांतों जैसे कि धार्मिक संदर्भ, जीत की गाथा, विरोधी समूहों के लिए अपमानजनक शब्द उनकी रिपोर्ट्स में नहीं होते.
अमाक़ की अधिकतर रिपोर्ट में हमले या उसके बाद की तस्वीरें या वीडियो होते हैं.
इनमें से कई में ये लगता है कि इनकी शूटिंग बहुत पास से की गई है. इन्हें अक्सर दिन के उजाले और खुले सार्वजनिक इलाकों में लोगों के साथ फ़िल्माया गया है.
इसी साल 19 जुलाई को अमाक़ के एक वीडियो में सिनाए जंक्शन इलाके में एक आदमी सोमालियाई ख़ुफ़िया विभाग के एक अधिकारी को बेहद नज़दीक से गोली मारता दिख रहा है. सड़क किनारे बैठे व्यापारियों को देखकर ये इलाका घनी आबादी वाला मालूम पड़ता है.
29 जून का एक और वीडियो है जिसमें दोपहर के वक्त सादे कपड़े पहने एक आदमी बहुत नज़दीक से दो लोगों को गोली मारता है. इस हमले को लेकर आईएस ने दावा किया कि उसने मोगादिशु के बाज़ार में सोमालियाई सरकार के दो वित्तीय अधिकारियों को मार गिराया है.
7 मई के वीडियो में सादे कपड़े में एक आदमी माइक्रोबस में एक व्यक्ति को मारता हुआ दिख रहा है. मारे गए व्यक्ति को सोमालिया के ख़ुफ़िया विभाग से जुड़ा बताया गया.
अधिकतर हमले या तो पीछे से फ़िल्माए गए या कुछ दूरी से.
अमाक़ के वीडियो छोटे और बिना एडिट किए होते थे. आईएस ने अब तक सोमालिया को समर्पित एक ही प्रौपेगैंडा वीडियो बनाया. दिसंबर 2017 के इस वीडियो में क्रिसमस और नए साल के दौरान 'वेस्टर्न टारगेट' के ख़िलाफ़ हमले के लिए उकसाया गया है.
आईएस के हमलों की जानकारी सोमालिया में आईएस के क्षेत्रीय मीडिया दफ़्तर के बजाय अमाक़ के जरिए ही आ रही हैं.
अपने क्षेत्रीय मीडिया दफ़्तर से यह समूह खास तरह के बयान जारी करता है. हमले की स्थिति में इसे महत्वपूर्ण माना जा सकता है.
अमाक़ की रिपोर्ट में 'विलायाह' (इलाका) का इस्तेमाल नहीं किया जाता जबकि क्षेत्रीय बयान में इसका इस्तेमाल होता है.
आईएस साल 2015 के आखिर से सोमालिया में अपनी उपस्थिति का दावा करता रहा है. इसमें शामिल अधिकतर लोग प्रतिद्वंद्वी अल-शबाब से लाए गए हैं.
वैसे 'सोमालिया का विलायाह' मुहावरे का आईएस की इक्का दुक्का मीडिया रिपोर्ट में ज़िक्र किया गया है. हालांकि इसका इस्तेमाल संयोगवश दिखता है ना कि औपचारिक तौर पर.
'सोमालिया का विलायाह' का ज़िक्र इसी समूह के अरबी के एक साप्ताहिक समाचारपत्र में जुलाई 2018 में मिलता है जबकि दूसरी बार सोमालिया का संदर्भ विलायाह के बगैर भी दिया गया.
साल 2015 के बाद आईएस ने अपने क्षेत्रीय संगठन के संदर्भ में विलायाह शब्द का ज़िक्र करने में सावधानी बरतनी शुरू कर दी.
अलग-अलग रिपोर्ट से ये संकेत मिलते हैं कि सोमालिया में आईएस के कई वफादार अल-शबाब के सदस्य थे.
अल-शबाब छोड़ने वालों ने बाद में महाद मोअलिम को मुमिन का डिप्टी कमांडर चुन लिया.
हालांकि अल-शबाब के प्रभाव को देखते हुए यह कहना मुश्किल नहीं है कि मुमिन को लड़ाके भर्ती करने और सोमालिया में अपनी मज़बूत उपस्थिति बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
कुछ वैसा ही जैसा उसे यमन जैसे अन्य देशों में करना पड़ा था, जहां पहले से मौजूद अल-कायदा की उपस्थिति की वजह से ये समूह घुसपैठ करने में नाकाम रहा था.
मुमिन आखिरी बार आईएस के प्रचार में अप्रैल 2016 में एक वीडियो में देखे गए थे, जिसमें सोमालिया में इस समूह के पहले प्रशिक्षण शिविर को दिखाया गया था. अगस्त 2016 में उन्हें अमरीका की जारी आतंकियों की सूची में शामिल किया गया.
अमरीकी सरकार का मानना है कि सोमालिया के आईएस लड़ाके यमन से हथियार लेते हैं.
इस साल सोमालिया में आईएस की बढ़ती गतिविधियों के बावजूद इसका यहां अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी अल-शबाब से कम प्रभाव है.
जुलाई 2018 में अपने साप्ताहिक समाचारपत्र अल-नाबा के एक लेख में समूह ने लिखा कि कैसे सोमालिया में आईएस समर्थकों को मार डाला गया या 'यहूदी जिहादियों' ने अगवा कर लिया. आईएस की ओर से इस लफ़्ज़ का इस्तेमाल अल-क़ायदा के लिए किया जाता था.
अल-शबाब ने देश में आईएस चरमपंथियों का खुलेआम सफ़ाया किया है, यहां तक कि अपने उन सदस्यों का भी जो आईएस में शामिल होना चाहते थे या उनके प्रति झुकाव रखते थे.

Sunday, August 12, 2018

城市、企业和投资:中国气候领导力的新源泉

由于特朗普政府正在考虑让美国退出《巴黎协定》,并且已经开始削弱国内的气候政策,所有人都把目光投向了中国,看这个世界最大的排放国能否填补美国留下的领导空缺。

习近平主席将2015年的《巴黎协定》称为“
气候治理进程中的里程碑”,承诺将坚决兑现中国在此框架下的承诺。但是,正如乔安娜·刘易和李硕在“中外对话”文章中指出的那样,全球领导者不仅需要尽好自己的本分,还要拥有更广阔的视野,激励和引导其他国家踏上正轨。

问题在于如何才能做到这一点。中国的外交立场不太可能在一夜之间改变。因此,要实现成为全球治理领导者的雄心,保护“来之不易”的巴黎协定,中国必须探索气候领导的新道路。幸运的是,如徐安琪和卡琳·罗森加滕在中外对话文章中所说,可以用“实际领导”对传统的外交领导进行补充。实际上,在不断演变的气候体制中,“实际领导”已经变得越来越重要。在此语境下,城市和商业网络以及海外基础设施投资等非传统的外交影响渠道为中国铺设了坚实的前进道路。

由内而外的领导力

尽管中国口头上说将负起领导责任、支持巴黎协定,但还没有迹象表明它将在外交上积极推动国际气候体制的强化,或者督促其他国家扩展气候宏图。因为这些措施对中国来说是外交上的一个重大转折,如果出现,也只会以缓慢渐进的方式出现。同时,中国也不太可能正式将巴黎协定中承诺的在2030年达到排放峰值的时间提前。

那么中国怎样才能在全球气候政策中发挥积极而坚定的作用呢?这就亟需为其找到超越传统外交的气候领导新路径。幸运的是,中国政府手上已经有了新的政策工具。

自下而上的行动潜力

采取气候行动的不仅是各国政府,城市、企业、社会团体和其他非国家行为主体也都在努力应对气候变化(如今都集结在
联合国的气候问题解决方案非国家行动者(NAZCA)平台之下)。2015年的联合国巴黎气候大会在政府间机制的中心掀起了一场非国家气候行动的“海啸”。

尽管这一变化是一个重要突破,但仍面临着巨大的挑战。未来世界上大部分排放将来自发展中国家,同时它们也将遭受气候变化最严重的打击。但研究表明大多数非国家气候行动仍然集中在发达国家;而那些自下而上将各国的非国家行为体联系起来的气候倡议也主要是由发达国家行为体发起和领导的。

在国际层面,中国似乎远远落在后面。中国的总排放量是印度的五倍,但在跨国网络中采取气候行动的印度城市、省邦、企业和其他非国家行为体的数量却是中国的两倍之多。

但在地方层面上,中国开展了大量气候行动,国有和私有企业同样积极。比如,中国达峰先锋城市联盟的宗旨就是赶在国家目标之前达到城市的排放峰值。但是,这项行动的大部分与国际网络并无联系。因此,中国政府可以通过帮助本国的地方行为主体在跨国网络中发挥更大作用,来强化国内政策,彰显其国际领导地位。

让中国的省、市、以及企业更有力地融入各个跨国气候行动网络(如C40气候城市领导联盟、全球商业气候联盟和Compact of States and Regions等),可以迅速拓宽这些网络的覆盖面,同时给中国的地方和非国家行为主体带来重要的信息、人脉和融资机遇。

通过这种方式,中国不必实质上改变其传统谈判立场也能迅速提升其国际气候领导力。中国政府发出参与这些网络的有力信号也将鼓励省、市、企业进一步开展气候行动,并将其与全世界(尤其是其他发展中国家)的同道们联系在一起。

有些人担心“自下而上”的方式将导致权力从中央政府转移到地方政府和企业手中,但这种担忧是有偏差的。城市和商业网络自发性和合作性意味着它们不仅不会威胁到国家主权,反过来还会帮助各国政府更有效地实现其承诺的国家目标,同时以明显的进展证据来支撑国家的外交立场。

“绿化”海外基础设施投资

中国正在成为很多国家最大的基础设施投资来源。通过亚洲基础设施投资银行(亚投行)、新开发银行(金砖银行)等机构和“一带一路”计划,以及中国的国家开发银行和大型商业银行的贷款和基础设施建设企业的行动,未来若干年中国将在很多国家的基础设施选择中发挥决定性作用。

坦率地说,如果这个影响力转化为碳密集的基础设施,
将让巴黎协定的目标化为泡影。但若非如此,它也可能为世界经济未来数十年的去碳化提供所需的大笔资金。

幸运的是,中国非常重视绿色金融。亚投行和金砖银行首批开展的一些项目都是可再生能源方面的。亚投行的环境和社会保障措施中也明确地提到了气候变化。国际伙伴们(如联合国环境规划署和英格兰银行等)也在与中国金融机构合作,对此类项目和政策进行支持。

但是,中国不能只是鼓励和支持新的绿色金融领袖,还要防止落后者将低质量、重污染的基础设施转移到其他发展中国家。比如,那些在国内受到严格限制的火电企业正在瞄准东南亚和非洲市场,对此要严加防控。

有两项切实的措施可以大力提升中国在气候方面的领导力。第一,中国政府可以不止在口头上支持“绿色”基础设施,还明确规定只有符合巴黎协定目标的项目才能得到亚投行、金砖银行,尤其是“一带一路”计划的资金支持。将气候风险和2C兼容性测试作为新项目遴选的正式标准。这一做法所发出的强大经济信号将远远超出中国的国界。

第二,中国应该像在国内一样积极禁止本国企业在海外进行高碳、低效的投资。只有将所有海外投资纳入监管范围,而非仅仅着眼于旗舰绿色项目,中国才能展现出可靠的绿色金融领导力。