Wednesday, September 4, 2019

अमित शाह बोले, कश्मीर में जबरन ज़मीन नहीं ली जाएगीः प्रेस रिव्यू

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बताया कि अमित शाह ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि कश्मीर में विकास के नाम पर जबरन ज़मीन नहीं ली जाएगी.
जम्मू कश्मीर से आए 100 लोगों के प्रतिनिधिमंडल से अमित शाह ने मुलाकात की. इनमें गांवों की पंचायत के सदस्य, सरपंच और सेब उगाने वाले किसान शामिल थे.
अमित शाह ने इन लोगों को भरोसा दिलाया कि घाटी में जल्दी ही हालात सामान्य हो जाएंगे. उन्होंने 25 दिनों के बाद मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं शुरू होने की बात भी कही.
इसके साथ ही अमित शाह ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि उनके बीच का ही कोई शख़्स जम्मू कश्मीर का अगला मुख्यमंत्री होगा.
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी मुद्रा योजना के तहत लोन लेने वाले प्रत्येक पांच में से एक व्यक्ति ही उससे नया व्यवसाय खड़ा किया. बाक़ी लोगों ने इस धन का इस्तेमाल अपने कारोबार के विस्तार के लिए किया.
द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित समाचार
जम्मू कश्मीर के नेता और पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फ़ैसल ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि उनके ख़िलाफ़ जारी किया गया लुक आउट सर्कुलर प्रथम दृष्टया सत्ता का दुर्भावनापूर्ण इस्तेमाल है और इसके लिए उन्हें कोई उचित आधार नहीं बताया गया.
द हिंदू में प्रकाशित समाचार में लिखा है कि फ़ैसल ने कहा कि उनके मामले को दिल्ली हाईकोर्ट में ही सुना जाना चाहिए क्योंकि उन्हें दिल्ली में स्थित इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से हिरासत में लिया गया था.
हिरासत में लेने के बाद फैसल को श्रीनगर में भेज दिया गया था. शाह फैसल की अपील की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी.
में दावा किया गया है कि भारत के श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय के एक सर्वे में यह बात सामने आई. अख़बार ने लिखा है कि इस सर्वे को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है.
अख़बार ने कहा
दो हज़ार के नोट बाज़ार से तेजी से गायब हो रहे हैं. हिंदुस्तान में प्रकाशित इस विशेष समाचार में बताया गया है कि दो हज़ार के नोटों को हवाला कारोबार में इस्तेमाल किया जा रहा है.
अख़बार लिखता है कि कुरियर के ज़रिए इन नोटों को भेजा जा रहा है. रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक बाज़ार में चल रहे कुल नोटों में दो हज़ार के नोटों का हिस्सा घटकर करीब 31 प्रतिशत रह गया है. एक साल पहले यह 50 प्रतिशत था.
जांच रिपोर्ट के मुताबिक बाज़ार से गायब दो
पाकिस्तान लगातार कश्मीर के मुद्दे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष रखने की कोशिशें कर रहा है. बताया जा रहा था कि पाकिस्तान भारत प्रशासित कश्मीर में लगी पाबंदियों और वहां लोगों के साथ हो रहे उत्पीड़न के मसले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जाने के बारे में विचार कर रहा है.
नवभारत टाइम्स में प्रकाशित समाचार में बताया गया है कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में पाकिस्तान के वकील ने कहा है कि कश्मीर मुद्दे के लिए पाकिस्तान के पास उचित सबूत नहीं हैं.
ख़बर में लिखा गया है कि आईसीजे में पाकिस्तान के वकील खावर कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान के लिए 'कश्मीर में नरसंहार' के दावे को साबित करना बेहद मुश्किल होगा. कुरैशी का कहना है कि पाकिस्तान के पास इसे साबित करने के लिए सबूत नहीं हैं.
हज़ार के नोटों का 30 प्रतिशत हिस्सा हवाला नेटवर्क में इस्तेमाल हो रहा है.
है कि उसके पास 27 मार्च 2019 की यह ड्राफ्ट रिपोर्ट है और इस सर्वे में 97 हज़ार लाभार्थी शामिल थे.

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